क्या भ्रस्ताचार को दूर करना सिर्फ ११ रूपया चंदा देने वाला मजदूरों के काम है, क्या ये अमीरों का काम नही है?
5.
हैरानी की बात यह है कि पार्टी को एक करोड़ रुपये की रकम किसी आम आदमी ने चंदे में नहीं दी है, बल्कि चंदा देने वाला शख्स उनका सहयोगी ही है।
6.
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल अपने वित्त स्रोतों के बारे में आयकर विभाग को पूरी जानकारी देते हैं और यदि उन्हें चंदा देने वाला अपने नाम का खुलासा करने को तैयार हो जाये, तो इन दलों को भी उसकी जानकारी देने में आपत्ति नहीं होगी।